उचित व्यवहार संहिता
आमुख
कार्यक्षेत्र:1(क) ऋण प्रदान करने के लिए उचित कार्यप्रणाली संहिता (संक्षेप में एफ.एल.पी.सी.) भारतीय बैंक संघ द्वारा अपने सदस्य बैंकों के लिए अनुशंसित एक स्वैच्छिक पहल है, जिसका उद्देश्य बैंकों द्वारा भारतीय ग्राहकों के साथ व्यवहार हेतु श्रेष्ठ कार्यप्रणाली को अपनाना है। साथ ही इसका उद्देश्य ग्राहकों को मूल्यवान जानकारी उपलब्ध कराना एवं सदस्य बैंकों और ग्राहकों के बीच प्रभावी संवाद को सुगम बनाना है।
विस्तार :
1 (ख) एफ.एल.पी.सी. पूरी तरह से स्वैच्छिक है और सदस्य बैंकों द्वारा उनकी वेबसाइट पर या उनकी पसंद के किसी माध्यम द्वारा सहमति की सूचना दिए जाने के दिन से उन पर लागू होती है। एफ.एल.पी.सी. के लिए सहमति प्रदान करने वाले बैंकों की सूची भारतीय बैंक संघ(आई.बी.ए.) से प्राप्त की जा सकती है।
एफ.एल.पी.सी. में सदस्यों द्वारा की गई 8 महत्वपूर्ण घोषणाएं शामिल हैं, जिनमें वित्तपोषण हेतु एफ.एल.पी.सी. के प्रावधानों के मूल तत्व दिए गए हैं।
महत्वपूर्ण घोषणाएँ :
हमारा बैंक निम्नांकित की घोषणा करता है और वचन देता है कि- रिटेल वित्तपोषण के मामले में पेशेवर , सक्षम, सौजन्यपूर्ण, कर्मनिष्ठ एवं त्वरित सेवा प्रदान की जाएगी ।
- धर्म, जाति, लिंग, वंश या उनमें से किसी के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा ।
- ऋण उत्पादों के विज्ञापन एवं विपणन के मामले में न्याय एवं ईमानदारी बरती जाएगी ।
- ग्राहकों को ऋण के लेनदेन की शर्तों एवं निबंधनों, लागत, अधिकार एवं दायित्वों के संबंध में सही एवं समय पर जानकारी दी जाएगी ।
- ऋण के लिए आवेदन करने वाले ग्राहकों द्वारा मांगे जाने पर आवश्यक सहायता एवं सलाह उपलब्ध कराई जाएगी ।
- संगठन में शिकायत निवारण कक्ष स्थापित करके ग्राहकों के साथ विवाद एवं मतभेदों के निराकरण हेतु सद्भावना पूर्वक प्रयास किए जाएंगे।
- सभी नियामक आवश्यकताओं का सद्भावपूर्वक अनुपालन किया जाएगा ।
- ऋण लेने में संभावित जोखिम के संबंध में सामान्य जागरूकता का प्रचार-प्रसार किया जाएगा एवं ग्राहकों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे केवल बैंक की जानकारी पर निर्भर न रह कर स्वतंत्र वित्तीय सलाह लें ।
उचित व्यवहार :
उत्पाद की जानकारी :- संभावित ग्राहक को हमारे बैंक में उपलब्ध सभी प्रकार के ऋण उत्पादों को स्पष्ट करते हुए पर्याप्त जानकारी दी जाएगी ताकि वह अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप सही ऋण उत्पाद का चुनाव कर सके ।
- अपनी पसंद के ऋण उत्पाद का चुनाव करने के बाद ग्राहक को उस उत्पाद के संबंध में संगत जानकारी दी जाएगी ।
- ग्राहक को ऋण की संस्वीकृति तथा संवितरण होने तक की प्रक्रियाओं को समझाया जाएगा और हमारे बैंक में इस प्रक्रिया को सामान्य रूप से पूरा करने के लगने वाले समय की जानकारी दी जाएगी ।
- ग्राहक को उन शाखाओं एवं व्यक्तियों के नाम एवं फोन नंबर दिए जाएंगे जिनसे वह अपनी आवश्यकतानुसार ऋण के लिए संपर्क करेगा ।
- ग्राहक को ऋण प्राप्त करने एवं लिए गए ऋण को वापस करने में शामिल प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी ।
ब्याज दरें
विभिन्न प्रकार के ऋण उत्पादों के लिए ब्याज दरों की जानकारी निम्नांकित में से किसी एक या सभी माध्यमों से उपलब्ध कराई जाएगी :- हमारे बैंक की वेबसाइट पर
- यदि टेली बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध हो तो टेलीफोन के द्वारा
- शाखाओं एवं संवितरण के अन्य केंद्रों पर उन्हें प्रमुखता से प्रदर्शित करके
- समय-समय पर अन्य माध्यमों द्वारा ।
- हमारा बैंक विद्यमान ब्याज दरों में किसी प्रकार का संशोधन होने पर उसे तत्काल या यथाशीघ्र अधिसूचित करेगा और ग्राहकों को पैरा 3.2.1 में दर्शाए गए माध्यमों से उपलब्ध कराएगा ।
- वर्तमान ग्राहकों को ब्याज दर में संशोधन की सूचना संशोधन के दिनांक से 15 कार्यदिवसों के भीतर दी जाएगी ।
- हमारा बैंक संभावित ग्राहकों को चूक होने पर ब्याज /दंड स्वरूप ब्याज दर को स्पष्ट रूप से अधिसूचित करेगा ।
- हमारा बैंक ग्राहकों को उनके ऋण खाते के संबंध में सभी प्रकार के प्रभारों के विवरण की जानकारी देगा ।
- हमारा बैंक संभावित ग्राहकों के लाभार्थ पैरा 3.2.1 में दिए गए माध्यमों से सामान्य रूप से रिटेल उत्पादों पर लगने वाले प्रभारों के संबंध में सभी प्रकार के विवरणों की जानकारी प्रदान करेगा ।
- प्रभारों में कोई संशोधन होने पर इसकी सूचना पहले से दी जाएगी एवं पैरा 3.2.1 में दिए गए माध्यमों से भी उसे उपलब्ध कराया जाएगा।
- हमारा बैंक जहां भी आवश्यक हो ब्याज एवं प्रभारों के लिए प्रभार खाते को स्पष्टतः विनिर्दिष्ट करेगा एवं प्रलेखीकरण के साथ उस प्रभार खाते को नामे करने के लिए अधिदेश प्राप्त करेगा ।
- हमारा बैंक सामान्यतः ऋण के लिए किए गए अनुरोध प्राप्त होने की अभिस्वीकृति देगा एवं यदि ग्राहक द्वारा मांग की जाती है तो जैसे ही वह अपनी पसंद के किसी उत्पाद या सेवा को खरीदना चाहेगा, उसे विधिवत अभिस्वीकृत आवेदन फार्म की प्रति भी प्रदान की जाएगी।
- ऋण स्वीकृत करने का निर्णय लेने के तत्काल बाद हमारा बैंक ग्राहक द्वारा निष्पादित किए जाने वाले दस्तावेजों के प्रारूप को ग्राहक को दिखाएगा एवं यदि ग्राहक द्वारा मांग की जाती है तो ऋण की स्वीकृति एवं भुगतान करने की शर्तों को स्पष्ट करेगा ।
- ऋण आवेदन फार्म, दस्तावेजों के प्रारूप एवं इस प्रकार के अन्य दस्तावेजों में ग्राहक द्वारा पसंद किए गए ऋण उत्पाद या सेवा की सभी शर्तें विस्तार से दी जाएँगी ।
- जहां भी संभव हो ऋण को अस्वीकृत करने के कारणों की जानकारी ग्राहक को दी जाएगी ।
- ऋण का संवितरण करने के पहले एवं ऋण दस्तावेज को निष्पादित करने के तुरंत बाद हमारा बैंक ग्राहक को विधिवत निष्पादित किए गए दस्तावेजों की एक प्रति प्रदान करेगा।
- हमारा बैंक ग्राहक द्वारा मना किए जाने की स्थिति को छोड़कर नियमित रूप से खातों का विवरण प्रदान करेगा ।
- हमारा बैंक ऋण आवेदन, दस्तावेजों या पत्राचार में उल्लिखित न होने की दशा में सहमत ब्याज, दांडिक ब्याज और प्रभारों की संबद्ध देय तारीखों के संबंध में सूचित करेगा ।
- हमारा बैंक लेखांकन की कार्यप्रणाली के तरीकों में किसी ऐसे बदलाव को लागू करने के पहले जो ग्राहक को प्रभावित करते हैं, की अग्रिम सूचना ग्राहक को देगा।
ग्राहक की सभी व्यक्तिगत जानकारी गोपनीय होगी एवं उसकी सहमति के बिना किसी अन्य पक्ष को प्रदान नहीं की जाएगी। ‘अन्य पक्ष’ की परिभाषा में विधि प्रवर्तक अभिकरण, ऋण सूचना ब्यूरो, भारतीय रिज़र्व बैंक, दूसरे बैंक एवं वित्तीय संस्थान शामिल नहीं हैं
उपर्युक्त पैरा के अध्यधीन ग्राहक की जानकारी केवल निम्नांकित परिस्थितियों में ही दी जाएगी :
- यदि बैंक कानूनी रूप से बाध्य है।
- यदि सूचना का प्रकटीकरण लोकहित में आवश्यक है।
- यदि प्रकटीकरण हमारे बैंक के हित में है।
- हमारा बैंक ग्राहकों के वित्तीय संकट के मामलों की पहचान करेगा एवं उन पर सहानुभूति पूर्वक विचारकरेगा ।
- ग्राहकों को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे अपने वित्तीय संकट के बारे में बैंक को यथासंभव शीघ्र सूचित करें ।
- हमारा बैंक परिचालन में लगे अपने कर्मचारियों को इस बात के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण देगा कि वे वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहे ग्राहकों की बातों को धैर्य से सुनें एवं ऐसी हर संभव सहायता करें जो उनकी दृष्टि में उचित हो ।
- हमारे बैंक में अपने अंदर या बाहर एक शिकायत निवारण कक्ष/विभाग/केंद्र होगा ।
- हमारा बैंक ग्राहकों द्वारा व्यक्तिगत रूप से मांगे जाने पर एवं पैरा 3.2.1 में सूचित माध्यमों के द्वारा निम्नांकित विवरण उपलब्ध कराएगा : जैसे
- शिकायत कहां की जा सकती है
- शिकायत कैसे की जा सकती है
- जवाब कब तक मिलने की उम्मीद की जाए
- शिकायत निवारण के लिए किससे मिलें, आदि ।
- किसी भी शिकायत के प्राप्त होने की तारीख से अधिकतम चार सप्ताह की अवधि में उसका उत्तर दिया जाएगा, भले ही वह सकारात्मक हो या नकारात्मक, सिर्फ उन शिकायतों को छोड़कर जिनकी प्रकृति ऐसी हो कि उनमें बहुत सारे तथ्यों एवं आंकड़ों के सत्यापन की आवश्यकता हो।
ऋण के लिए आवेदन और उनका प्रसंस्करण
- सभी श्रेणियों के ऋण आवेदन फार्म भले ही उसमें उधारकर्ता द्वारा वांछित ऋण की राशि जितनी भी हो, व्यापक रूप से तैयार किए जाएंगे एवं उनमें निम्नलिखित जानकारी दी जाएगी - i) प्रसंस्करण हेतु देय शुल्क/प्रभार, यदि कोई हो, (ii) आवेदन के स्वीकार न होने की स्थिति में वापस की जाने वाली शुल्क की राशि (iii) पूर्व-भुगतान के विकल्पों की जानकारी और अन्य कोई बात जो कि उधारकर्ता के हितों को प्रभावित करती है ताकि उधारकर्ता अन्य बैंकों के साथ इनकी उचित तुलना कर निर्णय ले सके ।
- सभी ऋण आवेदनों की प्राप्ति के बारे में पावती दी जाएगी। उन आवेदनों की पावती में 2.00 लाख रुपये तक के ऋण के आवेदन के निपटान की अवधि का उल्लेख किया जाएगा । प्राप्ति की अभिस्वीकृति का प्रारूप संलग्र है ।
- ऋण आवेदनों की जांच उचित समय में की जाएगी। यदि अतिरिक्त विवरण/दस्तावेजों की आवश्यकता हो तो उधारकर्ता को तत्काल सूचित किया जाएगा ।
विवरण अधिकतम समय सीमा निर्यात ऋण प्रस्ताव
अन्य ऋण प्रस्ताव
1.
नई/बढ़ी हुई ऋण सीमा की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव
15 दिन
20 दिन
2.
वर्तमान ऋण सीमाओं के नवीनीकरण हेतु प्रस्ताव
10 दिन
15 दिन
3.
तदर्थ ऋण सुविधा की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव
07 दिन
10 दिन
- किसी भी प्रारंभिक सीमा के होते हुए सभी श्रेणी के ऋणों के मामले में, जिसमें क्रेडिट कार्ड भी शामिल है, बैंक विनिर्दिष्ट समय के भीतर लिखित रूप में ऋण आवेदन पर उचित विचार किए जाने के पश्चात बैंक के मत से अस्वीकृत किए जाने के कारण/कारणों को सूचित करेगा।
ऋण मूल्यांकन एवं शर्तें/निबंधन
- यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उधारकर्ताओं के ऋण आवेदनों का ठीक प्रकार से मूल्यांकन किया गया है और मार्जिन तथा प्रतिभूति विनिर्धारणों को उधारकर्ता की ऋण चुका पाने की क्षमता के प्रतिस्थापक के रूप में उपयोग नहीं किया गया है ।
- शर्तों एवं निबंधनों के साथ ऋण सीमा को उधारकर्ता को सूचित किया जाएगा एवं उधारकर्ता द्वारा इन शर्तों एवं निबंधनों की स्वीकृति को अभिलेखों में रखा जाएगा ।
- बैंक एवं उधारकर्ता के बीच हुई बातचीत के पश्चात हमारे बैंक द्वारा दी जाने वाली साख सुविधाओं को शासित करने वाली शर्तें, निबंधन एवं अन्य महत्वपूर्ण तथ्य लिखित रूप में होंगे एवं बैंक के प्राधिकृत अधिकारी द्वारा विधिवत प्रमाणित होंगे। ऋण करार एवं इसमें वर्णित सभी अनुलग्रकों की एक-एक प्रति उधारकर्ता को दी जाएगी ।
- जहां तक संभव हो ऋण करार में ऋण सुविधाओं का स्पष्टतः उल्लेख होना चाहिए जो पूरी तरह बैंक के विवेकाधिकार पर है, जिसमें सुविधाओं का स्वीकृत होना एवं अस्वीकृत होना शामिल है, जैसे कि स्वीकृत सीमा से ज्यादा राशि का आहरण, ऋण स्वीकृति में उल्लिखित प्रयोजनों से भिन्न अन्य प्रयोजन हेतु जारी किए गए चेक का आदर करना, किसी उधार खाते का अनर्जक आस्ति के रूप में वर्गीकरण होने या स्वीकृति की शर्तों के अनुपालन न होने की स्थिति में आहरण को रोकना आदि। ऋण करार में यह भी स्पष्ट रूप में उल्लेख होना चाहिए कि ऋण सीमा में उचित संशोधन किए बिना उधारकर्ता के व्यवसाय आदि में कोई बढ़ोतरी होने की स्थिति में उधारकर्ता की जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक बाध्य नहीं है ।
- सहायता व्यवस्था के अंतर्गत ऋण प्रदान करने की स्थिति में बैंक एक वित्तपोषक प्रतिभागी के रूप में समयबद्ध तरीके से ऋण प्रस्ताव की पूर्णरूपेण समीक्षा करेगा एवं न्यायोचित समय के भीतर वित्तपोषित करने या न करने के संबंध में सहभागी बैंकों के निर्णय से अवगत कराएगा ।
ऋण संवितरण तथा निबंधनों एवं शर्तों में परिवर्तन
बैंक स्वीकृति की निबंधनों और शर्तों के अनुरूप स्वीकृत किए गए ऋण का समय पर भुगतान सुनिश्चित करेगा । बैंक निबंधनों एवं शर्तों तथा ब्याज दर और प्रभार आदि में होने वाले परिवर्तनों की पूर्व सूचना देगा । बैंक यह भी सुनिश्चित करेगा कि ब्याज दर और प्रभारों में परिवर्तन आगामी समय से हो ।भुगतान पश्चात पर्यवेक्षण
- भुगतान के बाद खासकर रुपये 2 लाख तक के ऋण के लिए बैंक द्वारा किया जाने वाला पर्यवेक्षण रचनात्मक स्वरूप का होगा एवं वह वित्तपोषण से संबंधित उन वास्तविक समस्याओं के समाधान हेतु किया जाएगा जिसका सामना उधारकर्ता को करना पड़ सकता है।
- बैंक उधारकर्ता को भुगतान को वापस मांगने/शीघ्र चुकौती करने या करार की शर्तों को लागू करने या अतिरिक्त प्रतिभूतियों की मांग करने का निर्णय लेने के पहले ऋण करार की शर्तों के अनुरूप या ऐसी शर्तों के न होने की स्थिति में उचित अवधि का नोटिस देगा ।
- बैंक ऋण का भुगतान प्राप्त करने के पश्चात या ऋण की उगाही के बाद उधारकर्ता की सभी प्रतिभूतियां लौटा देगा जो उधारकर्ता के विरुद्ध वित्तपोषक को किसी अन्य दावे के लिए उपलब्ध किसी न्यायोचित अधिकार या ग्रहणाधिकार के अध्यधीन होगा । यदि समंजन के अधिकार का प्रयोग किया जाता है तो उधारकर्ता को बकाया दावों के सभी विवरणों सहित नोटिस दी जाएगी और उन दस्तावेजों की जानकारी दी जाएगी जिनके आधार पर संबंधित दावों के निपटान /भुगतान होने तक प्रतिभूतियों को रोक कर रखा जाना है ।
सामान्य
- बैंक ऋण स्वीकृति दस्तावेजों में दी गई शर्तों एवं निबंधनों में किए गए प्रावधान के अतिरिक्त जब तक कि बैंक को कोई ऐसी नई जानकारी नहीं मिल जाती जो उधारकर्ता ने पहले छुपाई हो उधारकर्ता के किसी मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा ।
- बैंक ऋण प्रदान करने के मामले में लिंग, जाति एवं धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करेगा। हालांकि यह प्रावधान बैंक को समाज के कमजोर वर्गों एवं महिला हिताधिकारियों के लिए विशेष तौर पर बनाई गई ऋण संबंधी योजनाओं में भाग लेने से नहीं रोकेगा ।
- ऋण की वसूली के मामले में बैंक कोई भी अनुचित तरीका नहीं अपनाएगा जैसे उधारकर्ता को अनुपयुक्त समय पर परेशान करना या उसके विरुद्ध बाहुबल का प्रयोग करना, आदि ।
- उधारकर्ता या बैंक/वित्तीय संस्थान से उधार खाते के स्थानांतरण के लिए अनुरोध के
निदेशक मंडल उचित व्यवहार संहिता के अनुपालन एवं नियंत्रक कार्यालयों के विभिन्न स्तरों पर शिकायत निवाण तंत्र की कार्यप्रणाली की समय-समय पर समीक्षा करेगा । इस प्रकार की समीक्षा की समेकित रिपोर्ट निदेशक मंडल को प्रत्येक 6 माह में एक बार प्रस्तुत की जाएगी ।