ग्राहक अधिकार नीति
ग्राहक सुरक्षा वित्तीय समावेशन का आंतरिक पहलू है। ग्राहक सुरक्षा में वृद्धि हेतु व्यापक ग्राहक सुरक्षा नीति घरेलू अनुभव तथा विश्व की बेहतरीन प्रणालियों पर आधारित है, जो निम्नानुसार है :-
ग्राहक अधिकार नीति के अधीन भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नियंत्रित बैंकों के ग्राहकों के मूल अधिकारों को सुरक्षित रखना है। यह नीति ग्राहक के अधिकार और बैंक के उत्तरदायित्वों को भी बताती है। यह नीति बैंक या इसके एजेंटों द्वारा काउंटर पर, दूरभाष पर, पोस्ट द्वारा, इंटरैक्टिव ईलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के माध्यम से, इंटरनेट या किसी अन्य माध्यम से ऑफर किए गए सभी उत्पादों और सेवाओं पर लागू होती है।
1.उचित व्यवहार का अधिकार
ग्राहक तथा बैंक दोनों को शिष्टाचार युक्त व्यवहार पाने का अधिकार है। वित्तीय उत्पादों को ऑफर करने या आपूर्ति करते समय ग्राहक के साथ लिंग, आयु, धर्म तथा शारीरिक क्षमता के आधार पर अनुचित रूप से भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।
उपर्युक्त अधिकार के अनुसार
- हम ग्राहकों के साथ सभी प्रकार के लेनदेन में न्यूनतम मानदंड स्थापित कर अच्छी और उचित बैंकिंग प्रथाओं को उन्नत करेंगे;
- हम ग्राहक और बैंक के बीच उचित और निष्पक्ष संबंध को प्रोत्साहित करेंगे;
- हम ग्राहकों से व्यवहार करने वाले स्टाफ को पर्याप्त और उपायुक्त प्रशिक्षण देंगे;
- हम सुनिश्चित करेंगे कि स्टाफ सदस्य ग्राहकों और उनके व्यवसाय के प्रति तत्परतापूर्वक एवं शिष्टाचारपूर्वक व्यवहार करें;
- हम सभी ग्राहकों के साथ उचित व्यवहार करेंगे और लिंग, आयु, धर्म, जाति, शिक्षा, आर्थिक स्थिति, शारीरिक क्षमता आदि के आधार पर भेदभाव नहीं करेंगे। यद्यपि, हमारे बैंक के पास विशेष योजनाएँ या उत्पाद हैं, जो लक्षित विपणन समूह के सदस्यों के लिए विशेष रूप से बनाए गए हैं या ग्राहक विशिष्टिकरण के लिए समुचित, व्यावसायिक रूप से स्वीकार्य आर्थिक तर्कसंगतता का उपयोग कर सकता है। हमारे पास महिला या पिछड़े वर्गों के लिए समर्थक- कार्य के भाग के रूप में योजनाएं या उत्पाद भी हो सकते हैं। ऐसी योजनाओं/उत्पादों को अनुचित भेदभाव नहीं समझा जाएगा। बैंक द्वारा, जहां भी आवश्यक हो, ऐसी विशेष योजना या शर्तों के औचित्य की व्याख्या की जाएगी;
- हम सुनिश्चित करेंगे कि उपर्युक्त सिद्धान्त सभी उत्पादों और सेवाओं को ऑफर करते समय लागू किया जाए;
- हम सुनिश्चित करेंगे कि ऑफर किए गए उत्पाद और सेवाएँ मौजूदा कानून और विनियमों के अनुसार हो;
यद्यपि, हमारा यह भी प्रयास होगा कि हमारे ग्राहकों को परेशानी मुक्त और उचित व्यवहार उपलब्ध कराया जाए, हम यह आशा करेंगे कि बैंक के साथ लेनदेन में ग्राहक शिष्टाचारपूर्वक व्यवहार करे और ईमानदारी बरते।
हमारा यह भी प्रयास होगा कि ग्राहकों को बैंक के आंतरिक शिकायत निवारण तंत्र का उपयोग करने हेतु प्रोत्साहित करेंगे तथा बैंक के आंतरिक शिकायत निवारण तंत्र से निराश होने के बाद उसके विकल्प का उपयोग करेंगे।
2. पारदर्शिता तथा निष्पक्ष एवं ईमानदार लेनदेन का अधिकार
वित्तीय सेवाएँ प्रबंधक (प्रभरक) यह सुनिश्चित करने के लिए हर प्रकार का प्रयास करेगा कि जो संविदा और करार बनाता है वह पारदर्शी, जन साधारण द्वारा आसानी से समझे जा सकने वाले और अच्छी तरह संप्रेषित हो। उत्पाद का मूल्य, इससे संबंधित जोखिम, उत्पाद की अवधि के दौरान उन्हें शासित करने वाले शर्तों एवं नियमों के बारे में तथा जो उत्पाद के जीवन चक्र पर निर्धारित किए जाते हैं और ग्राहक तथा बैंक के उत्तरदायित्व स्पष्ट रूप से प्रकट किए जाएंगे। ग्राहक अनुचित कारबार या विपणन प्रथाओं, अनिवार्य संविदात्मक शर्तें या भ्रामक प्रस्तुतीकरण का शिकार नहीं होगा। बैंक और ग्राहकों के संबंधों के दौरान बैंक शारीरिक क्षति, अनुचित प्रभाव या घोर उत्पीड़न से ग्राहक को डरा नहीं सकता है।
उपर्युक्त अधिकार के अनुसार, हम -
पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करेंगे जिससे कि ग्राहक को बेहतर समझ मिल सके कि वह बैंक से वाजिब/ उचित रूप से क्या आशा रख सकता है/ सकती है;
- सुनिश्चित करेंगे कि ग्राहकों के साथ लेनदेन समानता, सत्यनिष्ठा और पारदर्शिता के नीतिपरक सिद्धांतों पर आधारित हो;
- ग्राहकों को अपने उत्पादों और सेवाओं, नियमों एवं शर्तों तथा ब्याज दरों/सेवा प्रभारों के बारे में सरल और आसानी से समझ आनेवाली भाषा में और पर्याप्त जानकारी के साथ स्पष्ट सूचना उपलब्ध कराएंगे जिससे कि ग्राहक उत्पाद का उपयुक्त एवं उत्तम चयन कर सकने की आशा कर सकें;
- सुनिश्चित करेंगे कि सभी नियम एवं शर्तें उचित हों तथा संबंधित अधिकार, देयताओं एवं दायित्व को यथासंभव सरल एवं आसन भाषा में व्यक्त करेंगे;
- उत्पाद के साथ जुड़े मुख्य जोखिमों और साथ ही उत्पाद की कोई विशेषता जिससे ग्राहक को विशेष रूप से हानि हो सकती है, को बताएँगे। उत्पाद ऑफर करते समय उत्पाद या सेवा से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण नियमों एवं शर्तों (एमआईटीसी) को ग्राहक के ध्यान में स्पष्ट रूप से लाएँगे। सामान्य अर्थ में, यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसे नियम ग्राहक के भविष्य के चुनाव पर बाधा नहीं डाले।
- ब्याज दरों, शुल्क एवं प्रभारों की सूचना शाखाओं में सूचना पट्ट या बेबसाइट पर अथवा ग्राहक द्वारा संपर्क किए जाने पर संपर्क केंद्रों या सहायता केंद्र के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से उपलब्ध कराएंगे;
- अपने बेबसाइट पर टैरिफ सूची प्रदर्शित करेंगे और इसकी एक प्रति ग्राहकों के अवलोकन के लिए सभी शाखाओं को उपलब्ध कराएंगे। साथ ही साथ, शाखा में टैरिफ सूची की उपलब्धता के बारे में शाखाओं में नोटिस भी प्रदर्शित करेंगे;
- ग्राहक द्वारा चयनित उत्पादों और सेवाओं पर लागू, यदि हो, सभी प्रभारों की टैरिफ सूची का विवरण देंगे;
- नियम एवं शर्तों में किसी प्रकार का बदलाव होने पर संशोधित नियम एवं शर्तों के लागू होने के कम से कम एक महीना पहले शाखा में सूचना पट्ट, बैंक के बेबसाइट के माध्यम से ग्राहक को सूचित करेंगे;
- सुनिश्चित करेंगे कि एक महीने की सूचना देने के बाद ऐसे बदलाव केवल प्रत्याशित प्रभाव के साथ किए जाते हैं। यदि बैंक ने बिना किसी सूचना के ऐसे बदलाव किए हैं जो ग्राहक के लिए लाभदायक हो, तो ऐसे बदलाव के 30 दिनों के भीतर उन्हें सूचित करेंगे. यदि ये बदलाव ग्राहक के लिए हानिकारक है, तो न्यूनतम 30 दिनों के पहले सूचना दिया जाएगा और ग्राहक को अपना खाता बंद करने या ऐसी सूचना के 60 दिनों के भीतर संशोधित प्रभार या ब्याज का भुगतान किए बिना किसी अन्य पात्र खाते में बदलने का विकल्प देंगे;
- ग्राहक द्वारा चयनित उत्पाद/ सेवा को संचालित करने वाले नियमों एवं शर्तों का अनुपालन न करने / उल्लंघन करने के मामले में लगाए जाने वाले दंड के बारे में सूचना देंगे;
- जमाओं, चेक उगाही, शिकायत निवारण, क्षतिपूर्ति तथा बकायों की उगाही एवं प्रतिभूति रिपोजेशन संबंधी बैंक की नीति को सार्वजनिक क्षेत्र (पब्लिक डोमेन) में प्रदर्शित करेंगे;
- अपने उत्पाद विशेष संबंधी कार्य करने वाले स्टाफ को पूर्ण रूप से, उचित ढंग से और ईमानदारी से ग्राहक को संबद्ध सूचना उपलब्ध कराने के लिए अच्छी तरह प्रशिक्षित करने हेतु हर तरह का प्रयास करेंगे;
- उत्पाद / सेवा प्राप्त करने के लिए आवेदनों को स्वीकारने / अस्वीकारने के बारे में बैंक द्वारा निर्धारित उपयुक्त समय-सीमा के भीतर आवेदक को संपर्क करना सुनिश्चित करेंगे और आवेदन को अस्वीकार का कारण लिखित रूप में बताएँगे। ऐसी अवधि का उल्लेख बैंक की बेबसाइट में और उस उत्पाद या सेवा-विशेष के आवेदन-पत्र में करेंगे;
- निम्नलिखित के बारे में सुस्पष्ट ढंग से सूचना
- उत्पाद विशेष की समाप्ति
- कार्यालय का स्थानांतरण
- कार्य करने के समय में बदलाव
- दूरभाष संख्या में बदलाव
- किसी कार्यालय या शाखा को बंद करना
न्यूनतम 30 दिनों की अग्रिम सूचना के साथ देंगे। साथ ही साथ पुष्टि करेंगे कि उत्पाद / संबंधों को बने रहने की अवधि के दौरान सूचना का प्रकटीकरण एक निरंतर चलाने वाली प्रक्रिया है तथा उनका कर्मठतापूर्वक पालन करेंगे। बदलावों की सूचना ग्राहकों तक पहले पहुँच जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए, बेबसाइट सहित, सम्प्रेषण के सभी माध्यमों का उपयोग करना सुनिश्चित करेंगे;
- ग्राहक को कानून और / या बैंकिंग विनियम में सन्निहित अधिकारों और दायित्वों से तथा कोई गंभीर घटना, जिसपर ग्राहक संदेह करता है, पता लगाता है या समाना करता है, को रिपोर्ट करने की आवश्यकता के बारे अपने उत्पाद बेचते समय अवगत कराएंगे
- बैंक के स्टाफ सदस्य, उत्पाद या सेवा लेने के लिए आने वाले ग्राहक को उत्पाद एवं सेवा से संबंधित सूचना उपलब्ध कराएंगे तथा बाजार में उपलब्ध उन्हीं उत्पादों पर सूचनात्मक स्रोतों की जानकारी भी उपलब्ध कराएंगे ताकि ग्राहक बुद्धिमतापूर्ण निर्णय ले सके;
- अपने ग्राहक को उपयुक्त या संविदात्मक पूर्व नोटिस दिए बिना ग्राहक से संबंध समाप्त नहीं करेंगे;
- ग्राहक के खाते / वित्तीय संबंध बनाए रखने के लिए बैंक क्षेत्र में नियमित इनपुट जैसे कि खाता विवरणी/ पासबुक, अलर्ट्स, उत्पाद के निष्पादन, मियादी जमा की परिपक्वता आदि की समय पर सूचना उपलब्ध कराकर उसे हर प्रकार से सहयोग देंगे;
- सुनिश्चित करेंगे कि विपणन और विज्ञापन संबंधी सभी सामग्री स्पष्ट हों और भ्रामक न हों;
- ग्राहक को शारीरिक क्षति पहुंचाने का डर दिखाने, दबाव डालने या ऐसा कोई व्यवहार करने का कृत्य नहीं करेंगे, जो अनुचित उत्पीड़न के समान हो, केवल सामान्य समुचित व्यावसायिक प्रथाओं का पालन करना सुनिश्चित करेंगे।
- सुनिश्चित करेंगे की उत्पादों / सेवाओं पर शुल्कों और प्रभारों और इसका गठन ग्राहक के लिए अविवेकपूर्ण न हो
3. उपयुक्तता का अधिकार
ग्राहक को ऑफर किए गए उत्पाद उसकी जरूरत के अनुरूप होने चाहिए और ग्राहक की वित्तीय परिस्थितियों एवं समझ के मूल्यांकन पर आधारित होना चाहिए। .
उपर्युक्त अधिकार के अनुसार, हम -
- सुनिश्चित करेंगे कि विक्रय से पहले ग्राहक के लिए उत्पादों की उपयुक्तता के मूल्यांकन की नीति बोर्ड/ मण्डल द्वारा अनुमोदित हो;
- सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि विक्रय या ऑफर किया गया उत्पाद या सेवा ग्राहक की आवश्यकता के अनुरूप हो और इसके मूल्यांकित ग्राहक की वित्तीय स्थिति एवं समझ के अनुसार अनुपयुक्त न हो। ऐसे मूल्यांकन बैंक के रिकॉर्ड में उपयुक्त रूप से आलेखित होने चाहिए।
- तृतीय पक्ष वित्तीय उत्पादों के विपणन और वितरण के लिए बोर्ड/मण्डल द्वारा अनुमोदित नीति अपनाने के बाद, तृतीय पक्ष उत्पाद की बिक्री के लिए प्राधिकृत होने पर ही उसकी बिक्री करेंगे;
- बैंक से प्राप्त किसी सेवा के बदले में तृतीय पक्ष उत्पाद को समर्थन/ मंजूर करने के लिए ग्राहक को बाध्य नहीं करेंगे;
- सुनिश्चित करेंगे कि विक्रय किया जा रहा उत्पाद या ऑफर की जा रही सेवा, तृतीय पक्ष उत्पाद सहित, मौजूदा नियम और विनियम के अनुरूप हो;
- अपने ग्राहक को बैंक द्वारा मांगे गए सभी संबद्ध और पर्याप्त सूचना को तत्परता से और ईमानदारी से उपलब्ध कराने संबंधी उसके उतरदायित्व के बारे में सूचना देंगे, ताकि ग्राहक उत्पाद की उपयुक्तता को जानने में सक्षम हो सके।
4. गोपनीयता का अधिकार
ग्राहकों की व्यक्तिगत सूचना को गोपनीय रखेंगे जब तक कि वे स्वयं बैंक को विशेष सहमति नहीं देते या कानून के तहत ऐसी सूचना उपलब्ध कराना आवश्यक्त न हो या अनिवार्य कारोबारी उद्देश्य के लिए (उदाहरण के लिए- क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी) कराया जाता हो। संभावित अनिवार्य कारोबारी उद्देश्य के बारे में ग्राहक को पहले ही सूचना दे दी जाएगी। ग्राहकों को सभी प्रकार के संपर्क, इलेक्ट्रोनिक या अन्य, जो उनकी गोपनीयता में दाखल देते हैं, से सुरक्षा का अधिकार है।
उपर्युक्त अधिकार के अनुसार, हम -
- ग्राहकों की व्यक्तिगत सूचना को निजी और गोपनीय (तब भी जब ग्राहक हमसे बैंकिंग नहीं कर रहा हो) रखेंगे और सामान्य नियम के रूप में किसी अन्य व्यक्ति/ संस्थान, अपनी अनुषंगियों/ सहयोगियों, संबद्ध संस्थानों आदि सहित, को किसी भी उद्देश्य के लिए ऐसी सूचना नहीं देंगे जब तक कि:
- ग्राहक ऐसे प्रकटीकरण को स्पष्टया लिखित रूप में प्राधिकृत न करे;
- कानून / विनियम द्वारा प्रकटीकरण बाध्यकारी हो जाए;
- प्रकटीकरण करना जनता के प्रति बैंक का कर्तव्य हो अर्थात वह जनहित में हो;
- बैंक को प्रकटीकरण के माध्यम से अपने हित की सुरक्षा करनी हो;
- यह नियामक अनिवार्य व्यवसाय उद्देश्य के लिए हो जैसे क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों या ऋण संग्रहण (डेट कलेक्शन) एजेंसियों हेतु भुगतान नहीं करने (डिफ़ाल्ट) का प्रकटीकरण ।
- सुनिश्चित करेंगे कि ऐसे संभावित अनिवार्य प्रकटीकरण के बारे में ग्राहक को तत्काल लिखित रूप में सूचित करेंगे।
- विपणन के उद्देश्य के लिए ग्राहक की व्यक्तिगत सूचना का उपयोग या उसे साझा नहीं करेंगे, जब तक कि ग्राहक इसे विशिष्ट रूप से प्राधिकृत न करे;
- ग्राहकों से संचार करते करते समय भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण द्वारा जारी दूरसंचार वाणिज्यिक संचार ग्राहक वरीयता विनियम, 2010 (राष्ट्रीय ग्राहक वरीयता रजिस्ट्री) का पालन करेंगे।
5. शिकायत निवारण और क्षतिपूर्ति का अधिकार
ग्राहक को ऑफर किए गए उत्पाद के लिए बैंक को उत्तरदायी ठहराने का और वैध शिकायत निवारण के लिए स्पष्ट एवं सरल तरीका अपनाने का अधिकार है। बैंक को तृतीय पक्ष उत्पाद के विक्रय से उत्पन्न शिकायतों के निवारण को भी सरल बनाना चाहिए। बैंक को गलतियों, व्यवहार में चूकों तथा गैर- निष्पादकता या निष्पादन में विलंब, चाहे यह बैंक द्वारा हुआ हो या अन्यथा, उनकी क्षतिपूर्ति की अपनी नीति के बारे में अवश्य सूचित करना चाहिए। जब ऐसी घटनाएँ घटित होती हैं तो उन स्थितियों में ग्राहक के अधिकारों एवं दायित्वों के बारे में नीति में दर्शाया हुआ होना चाहिए।
उपर्युक्त अधिकार के अनुसार, हम -
- बैंक गलत हुई सभी बाबतों में सहानुभूतिपूर्वक और शीघ्रता से निपटेंगे;
- गलतियों को शीघ्रतापूर्वक सुधारेंगे
- अनुचित ढंग से और गलती से लगाए गए प्रभारों को रद्द करेंगे;
- ग्राहक की किसी प्रत्यक्ष वित्तीय हानि की क्षतिपूर्ति करेंगे, जो कि उसकी गलतियों के कारण ग्राहक को वहाँ करनी पड़ी हो।
हम -
- ग्राहक के लिए उपलब्ध ग्राहक शिकायत निवारण नीति को, शिकायत निवारण प्रक्रिया सहित, सावर्जनिक क्षेत्र (पब्लिक डोमेन) में जारी करेंगे;
- निर्धारित समय के भीतर और संविदा/इकरारनामा के सहमत नियमों के अनुसार ग्राहक संव्यवहारों को संचालन/ निपटान (समझौता) में गलती / विलंब के लिए क्षतिपूर्ति नीति को सावर्जनिक क्षेत्र (पब्लिक डोमेन) में जारी करेंगे;
- उत्तरदायी शिकायत निवारण प्रक्रिया बनाना तथा ग्राहक द्वारा प्रस्तावित किए जाने वाले शिकायत निवारण प्राधिकारी की स्पष्ट सूचना देना सुनिश्चित करेंगे;
- शिकायत निवारण तंत्र को ग्राहकों के लिए सुगम बनाएँगे;
- ग्राहक को सूचित करेंगे कि शिकायत कैसे करें, शिकायत किससे की जाए, प्रत्युत्तर की आशा कब की जाए तथा प्रत्युत्तर से संतुष्टि नहीं मिलने पर क्या करें;
- शिकायत निवारण प्राधिकारी/ नोडल अधिकारी का नाम, पता और संपर्क विवरण प्रदर्शित करेंगे। सेवा आपूर्ति स्थलों पर शिकायतों के निवारण की समय सीमा स्पष्ट रूप से प्रदर्शित/ उपलब्ध कराएंगे;
- पूर्व निर्धारित समय के भीतर शिकायत का निवारण नहीं होने पर बैंकिंग लोकपाल को शिकायत करने के लिए विकल्प से ग्राहक को अवगत कराएंगे;
- बैंकिंग लोकपाल की योजना की सूचना सावर्जनिक क्षेत्र (पब्लिक डोमेन) देंगे;
- बैंकिंग लोकपाल का नाम और संपर्क विवरण, जिसके अधिकार क्षेत्र में बैंक की शाखा आती है, ग्राहक संपर्क स्थल/क्षेत्र (कस्टमर कांटैक्ट प्वाइंट) में प्रदर्शित करेंगे।
आगे, हम- -
- सभी औपचारिक शिकायतों (ईलेक्ट्रॉनिक साधनों के माध्यम से दर्ज की गई शिकायतें भी सम्मिलित) की पावती तीन कार्य दिवसों के भीतर देंगे तथा इसके निपटान की उपयुक्त अवधि, जो 30 दिनों (शिकायत निवारण हेतु उत्तरदायी उच्च पद के आंतरिक अधिकारी द्वारा बढ़ती/तीव्रीकरण और शिकायत की परीक्षा के लिए समय सहित) की अवधि से अधिक नहीं होगी, के भीतर करेगा। 30 दिन की अवधि ग्राहक से मांगी गई सभी आवश्यक सूचना की प्राप्ति के बाद मानी जाएगी;
- यदि ग्राहक विवाद के निवारण से या विवाद के निपटान की प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं है तो असंतुष्ट ग्राहक को शिकायत के निपटान के लिए बैंकिंग लोकपाल योजना का विवरण उपलब्ध कराएंगे;
इसके अतिरिक्त, हम
- ग्राहक से संबंध बनाते समय, उत्पादों के विशेष विवरण (विनिर्देशन) के अनुरूप निष्पादन न करने या गलत निष्पादन करने पर, हानियों के लिए जवाबदेही के साथ ही सभी पार्टियों के अधिकारों एवं उत्तरदायित्वों को स्पष्ट रूप से बताएंगे। यद्यपि, असंबद्ध परिस्थितियों, जो बैंक के नियंत्रण से बाहर हैं (जैसे बाजार में बदलाव, बाजार में परिवर्तनशीलता के कारण उत्पाद का निष्पादन आदि), के कारण हुई हानि के लिए बैंक उत्तरदायी नहीं होगा।
- यदि बैंक किसी विवादित लेन-देन पर ग्राहक को यह नहीं दर्शा सकता कि उक्त लेन-देन वाजिब संदेह से परे है ग्राहक को बिना विलंब एवं रूकावट के (ब्याज/ प्रभारों सहित) धन वापसी करना सुनिश्चित करें।
