प्रयोजन
- फर्मों/कंपनियों और व्यक्तियों को उनकी एमएसई इकाइयों की वित्तीय जरूरतों और प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र के मानदंडों के तहत आनेवाले अन्य प्रयोजनों हेतु ऋण सुविधा।
- चिकित्सकीय आकस्मिकताओं, यात्रा व्यय, सामाजिक जिम्मेदारियों आदि जैसी विविध जरूरतों में वैयक्तिक व्यय हेतु ऋण सुविधा।
सुविधा का प्रकार
- मीयादी ऋण या
- केवल कारोबार के प्रयोजन से ओवरड्राफ्ट/नकदी सीमा प्रदान करना तथा लेन-देन ओडी/सीसी खाते के जरिए करना होगा और ओवरड्राफ्ट/नकदी सीमा का प्रतिवर्ष नवीनीकरण किया जाएगा।
लक्षित समूह एवं पात्रता
- 21-65 वर्ष आयुवर्ग में आनेवाला कोई भी व्यक्ति (वेतनभोगी या व्यवसायी/स्वरोज़गारी या पेंशनर या अन्य) जिसके पास बंधक रखी जाने योग्य संपत्ति हो तथा ऋण चुकाने के लिए जिसकी आय पर्याप्त हो।
- गैर-वेतनभोगी श्रेणी के उधारकर्ताओं (व्यवसायी/कारोबारी) का आय-स्रोत नियमित हो और आयकर विवरणी भर रहे हों।
- ऋण सुविधा के लिए आवेदन करने की तारीख को उधारकर्ता की अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष है तथा सभी श्रेणी के उधारकर्ताओं के लिए संपूर्ण चुकौती की अधिकतम आयु सीमा 70 वर्ष है।
आय मानदंड
- वेतनभोगी उधारकर्ता
- महानगरीय केन्द्रों में न्यूनतम कुल वेतन रु.30,000/- प्रतिमाह और अन्य केन्द्रों में रु. 20000/- प्रतिमाह।
- गैर-वेतनभोगी उधारकर्ता
- नवीनतम आयकर विवरणी के अनुसार सभी केन्द्रों में रु. 4.00 लाख प्रतिवर्ष की न्यूनतम आय।
- दोनों मामलों में:
- सभी कटौतियों जैसे भविष्य निधि, बीमा प्रीमियम, आय कर, व्यवसाय कर एवं अन्य सांविधिक कटौतियों, प्रस्तावित ऋण की ईएमआई सहित अन्य कोई ऋण किस्तें – के बाद शुद्ध वेतन कुल वेतन/आय के कम से कम 40% या रु.10000/-, दोनों में से जो भी अधिक हो, से कम न हो।
न्यूनतम शुद्ध आय निर्धारित करने के लिए सह-आवेदक की आय को लिया जा सकता है।
सह-आवेदक पति/पत्नी/पिता/माता/संतान हो सकते हैं।
ऋण सुविधा की प्रमात्रा और स्वीकृति की राशि का निर्धारण
उधारकर्ता के नाम पर (या संयुक्त नामों में) मौजूद गैर-कृषि भूमि/निर्मित भवन सहित भूमि/फ्लैट/अपार्टमेंट/वाणिज्यिक संपत्ति के रूप में संपत्ति के दबावग्रस्त बिक्री मूल्य की 60 प्रतिशत राशि की ऋण सुविधा दी जा सकती है। यदि संपत्ति किराए पर हो तो सुनिश्चित किया जाए कि किरायेदारी की स्थिति के कारण संपत्ति के उगाही योग्य मूल्य के निर्धारण हेतु किए गए मूल्यांकन को उपयुक्त प्रकार से समायोजित किया जाए।
न्यूनतम राशि: रु.2 लाख
अधिकतम राशि: व्यक्तियों के लिए रु.200 लाख तथा फर्मों/कंपनियों के लिए रु.500 लाख
भवन के एवज में स्वीकृत ऋण सुविधा के मामले में, संपत्ति 50 वर्ष से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए। फ्लैट/अपार्टमेंट के मामले में, संपत्ति 30 वर्ष से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए।
संयुक्त नामों में मौजूद संपत्ति के मामले में, ऋण सुविधा संयुक्त नाम में स्वीकृत की जाएगी।
तृतीय पक्ष अचल संपत्ति के एवज में ऋण सुविधा नहीं दी जाएगी।
चुकौती
- मीयादी ऋण: ऋण राशि से निरपेक्ष अधिकतम 144 समान मासिक किस्तें।
- ओडी/सीसी: सीसी/ओडी का ब्याज प्रत्येक माह अदा किया जाए।
- ओडी/सीसी लिमिट 12 माह समाप्त होने के पूर्व अवश्य नवीनीकृत की जाएगी।
- प्रत्येक माह न्यूनतम जमा की जानेवाली राशि, खाते से नामे किए गए ब्याज से ज्यादा हो।
ब्याज दर (चल)
- 1 वर्ष का एमसीएलआर + 2.15 %(चल) प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत अग्रिम हेतु
- 1 वर्ष का एमसीएलआर + 3.15 %(चल) गैर-प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत अग्रिम हेतु
(मासिक अंतराल पर ब्याज की गणना की जाएगी जो समय-समय पर केवल बैंक के स्वनिर्णय द्वारा संशोधन के अधीन रहेगी।)
प्रतिभूति
संभावित उधारकर्ता के नाम (संयुक्त नामों) में महानगरीय/शहरी/अर्ध-शहरी/ग्रामीण केन्द्रों में स्थित भार-रहित गैर-कृषि भूमि/आवासीय मकान/फ्लैट/अपार्टमेंट/वाणिज्यिक संपत्ति का साम्यिक बंधक(ईएम)/पंजीकृत बंधक। कुछ राज्यों जैसे महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश एवं तमिलनाडु आदि में साम्यिक बंधक निर्मित करने के लिए स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करना होता है और साम्यिक बंधक के निर्माण को प्रमाणित करनेवाली प्रविष्टि/वाचन या लिखित में ज्ञापन का पंजीकरण अधिनियम के अंतर्गत अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होता है। इन राज्यों की शाखाओं को साम्यिक बंधक निर्मित करने के दौरान इस प्रक्रिया का पालन करना होगा।
तृतीय पक्ष अचल संपत्ति के एवज में ऋण सुविधा की अनुमति नहीं दी जाएगी
यदि ऋण लेने के बाद संपत्ति को किराए पर देना वांछित हो तो बैंक की अनुमति आवश्यक होगी अन्यथा इस प्रकार का कब्जा अतिक्रमण माना जाएगा और बैंक द्वारा उपयुक्त कदम उठाए जाएँगे।
बैंक की अनुमति उसी स्थिति में स्वीकृत की जाएगी जहाँ प्रस्तावित किरायेदारी / लीज़ किसी प्रतिष्ठित संस्था के या किसी प्रतिष्ठित संस्था में कार्यरत कर्मचारी के पक्ष में हो तथा लीज़ किए गए किराए / मासिक किराए बैंक को सुपुर्द किए जाएँगे।
यदि ऐसी संपत्ति को किसी कारण से बेचे जाने की जरूरत हो तो बंधक की गई संपत्ति के हक विलेख को मुक्त कराने के लिए उधारकर्ता को बैंक के सारे बकाया का समायोजन करना होगा। फिर भी, यदि उधारकर्ता अपनी ऋण सुविधा को जारी रखना चाहता हो तो उसके पास समान या उच्चतर मूल्य की संपत्ति का प्रतिस्थापन करने का प्रावधान रहेगा।
वाणिज्यिक संपत्ति के बंधक के एवज में ऋण के मामले में, एक ओर मालिक/बंधककर्ता, दूसरी ओर वाणिज्यिक संपत्ति के विभिन्न भागों में रहनेवालों, जो अपने द्वारा काबिज़ भागों के लिए मालिक/बंधककर्ता को किरायों या अन्य-अन्य रूपों में भुगतान कर रहे हैं, और तीसरी ओर बैंक के मध्य त्रिपक्षीय समझौता कार्यान्वित किया जाएगा जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ यह भी नियत किया जाएगा कि मालिक/बंधककर्ता को जो भी किराए और अन्य रूपों में भुगतान किए जा रहे हैं, वे नियमित रूप से बैंक में मौजूद मालिक/बंधककर्ता के ऋण खाते में सीधे जमा किए जाएँगे जब तक कि ऋण खाता पूरी तरह समायोजित न हो जाए।
वाणिज्यिक भू-संपदा की प्रतिभूति द्वारा सुरक्षित यूको संपत्ति ऋण योजना के प्रस्ताव वाणिज्यिक भू-संपदा के अंतर्गत ऋण जोखिम माने जाएँगे और विद्यमान मानदंडों के अनुसार उनकी पूर्व प्रशासनिक अनुमति आवश्यक होगी।
तृतीय पक्ष अचल संपत्ति के एवज में ऋण सुविधा की अनुमति नहीं दी जाएगी ।
बीमा
उधारकर्ता की दुर्घटना में अथवा स्वाभाविक मृत्यु के मामले में बकाया ऋण यूको ऋण जीवन सुरक्षा द्वारा पूरा किया जाएगा।
